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आधे देश में ‘जल प्रलय’! बादलफाड़ तबाही से मचा हाहाकार..

Weather Today: देश के कई हिस्सों में कुदरत अपना रौद्र रूप दिखा रही है. कहीं बादलफाड़ तबाही का मंजर है, तो कहीं बेहिसाब बारिश ने सड़कों पर सैलाब ला दिया है. हाल ही में दूबती दिल्ली सुर्खियों थी, फिर केरल के वायनाड में तबाही पेश आई. अब देश के पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल और उत्तराखंड में आसमानी आफत कहर बनकर टूटी है.

केदारनाथ में चीख-पुकार 

खबर है कि, उत्तराखंड में गुरुवार को रात भर हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई, जिसके बाद उफान पर आईं कई नदियों ने अबतक तकरीबन 14 लोगों की जान ले ली है. वहीं 10 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं.

भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है. मिली सूचना के मुताबिक, घोड़ापर्व, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में पत्थरों के कारण ट्रेक मार्ग बंद हो गया है.

अबतक लिनचोली और भीमबली से 425 तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित लाया गया है, जबकि 1,100 तीर्थयात्री बचाव टीमों की मदद से विभिन्न स्थानों से पैदल चलकर सोनप्रयाग पहुंचे हैं.

 हिमाचल में हाहाकार 

वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश भी मानसून के प्रकोप से जूझ रहा है. यहां बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि तकरीबन 50 लोग गुमशुदा बताए जा रहे हैं. घर, सड़कें और पुल कीचड़ और पानी की तेज धारा में बह गए हैं.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर जिले में बादल फटे हैं. भूस्खलन के चलते मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है.

सैलाब में समा गए ये राज्य

तबाही का यही मंजर उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों में भी देखने को मिला है. इनमें जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गोआ जैसे राज्य भी शामिल हैं. जहां तेज बारिश, कुछ हिस्सों में बाढ़ और जलजमाव   में कई लोगों की मौत हो गई है.

मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिनों के दौरान भारत के पश्चिमी और मध्य भागों में गरज और बिजली के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही विभाग ने बताया कि, अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों में आंधी और बिजली गिरने के साथ बारिश की भी संभावना है.

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